बारिश की बूंदो से बना हुआ , छोटा सा समुंदर , लहरों से भीगती छोटी सी बस्ती, चलो ढूंढे बरसात में दोस्ती की कुछ यादें, हाथ में लेकर एक कागज़ की कश्ती |
गुरु जब पकड़ ले हाथ , तो डर किस बात का , जो तुम्हें ज्ञान के , समुंदर मैं तेराएगा , लेकिन तुम्हारी नैया कभी अज्ञान रूपी , समुंदर मैं डूबने नहीं देगा |